Friday, March 5, 2010
ख्वाब खुशबू के घर में रहते हैं
दिल्ली से प्रकाशित हिंदी दैनिक के गुरुवार के अंक में ---रंग-ए-जिंदगानी---कॉलम के तहत प्रसिद्ध शायर शीन काफ निजाम साहब की कुछ पंक्तियां प्रकाशित की गई हैं। आशा है आपको भी भाएंगी। लीजिए....गौर फरमाइए-----
वो कहां चश्मे-तर में रहते हैं,
ख्वाब खुशबू के घर में रहते हैं।
शहर का हाल जा के उनसे पूछ,
हम तो अक्सर सफर में रहते हैं।
मौसमों के मकान सूने हैं,
लोग दीवारो-दर में रहते हैं।
अक्स हैं उनके आसमानों पर,
चांद तारे तो घर में रहते हैं।
हमने देखा है दोस्तों को निजाम
दुश्मनों के असर में रहते हैं।
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