Friday, December 4, 2009

...कोई आएगा दिल को आस रहे


मशहूर शायर बशीर बद्र ने अपनी गजलों में जिंदगी के अनेक रंग दिखाए हैं। दिल्ली से प्रकाशित राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक के कॉलम -रंग ए जिंदगानी- में गुरुवार को प्रकाशित यह गजल पेश है। आप भी इसका लुत्फ उठाइए

खुश रहे या बहुत उदास रहे,
जिंदगी तेरे आसपास रहे।

चांद इन बदलियों से निकलेगा,
कोई आएगा दिल को आस रहे।

हम मुहब्बत के फूल हैं शायद,
कोई कांटा भी आसपास रहे।

मेरे सीने में इस तरह बस जा,
मेरी सांसों में तेरी बास रहे।

आज हम सब एक साथ खूब हंसे,
और फिर देर तक उदास रहे।

1 comment:

Udan Tashtari said...

बशीर बद्र साहेब को पढ़ना/ सुनना हमेशा ही अद्भुत रहा है.

आपका बहुत आभार!